उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में जारी है मौसम की बेरूखी, बारिश और बर्फबारी न होने से काश्तकार परेशान

बारिश नहीं होने से किसानों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है। क्षेत्र के ऊंचाई वाले स्थानों पर की जाने वाली खेती की सिंचाई के लिए काश्तकारों को बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है।

उत्तरकाशी। उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी नहीं होने से जौनपुर क्षेत्र के काश्तकार परेशान हैं। वे गेहूं, मटर, मसूर की फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। नैनबाग तहसील के ऐंदी, कोट, श्रीकोट, पंतवाड़ी, बांडासारी, जयद्वार, त्याड़ा आदि गांव खेती ऊंचाई वाले क्षेत्रों हैं। यहां के काश्तकार बागवानी, नगदी फसलों के साथ गेहूं, मटर, मसूर, गोभी, सेब, संतरा खुमानी, पुलम आदि का उत्पादन करते हैं।

जयद्वार गांव के शरण सिंह पंवार, चैन सिंह पंवार, ऐंदी के सुप्पा सिंह ने कहा कि समय पर बारिश और बर्फबारी नहीं होने से क्षेत्र के काश्तकार समय पर फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। खेतों से नमी पूरी तरह से गायब हो चुकी है जिससे सेब के ग्रोथ में कमी आ सकती है। दिसंबर में क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी हो जाती थी लेकिन आधा दिसंबर बीत चुका है।

दिसम्बर माह में बारिश नहीं होने से किसानों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है। क्षेत्र के ऊंचाई वाले स्थानों पर की जाने वाली खेती की सिंचाई के लिए काश्तकारों को बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है। बारिश नहीं होने से पूरे क्षेत्र में सूखे की स्थिति बन गई है। काश्तकारों के समान आजीविका संकट खड़ा होने लगा है। उन्होंने सरकार से जौनपुर क्षेत्र को सूखा ग्रस्त घोषित करने की मांग उठाई है।

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